आईसीटी के प्रयोग से बदल रही है प्राथमिक शिक्षा

 


        हेमन्त कुमार, सहायक अध्यापक

      यूपीएस - दहिला, विकास खंड - त्रिवेदीगंज, बाराबंकी


देश की प्राचीन संस्कृति एवं शिक्षा प्रणाली अत्यंत गौरवशाली रही है। पुराने समय में भी देश में ज्ञान का प्रचार प्रसार बहुत था। समय के साथ साथ देश की शिक्षा प्रणाली में भी परिवर्तन होते रहे है। आधुनिक शिक्षा में सामान्य तौर पर व्यवसायिक तकनीकी शिक्षा और स्किल्स डेवलपमेंट शिक्षा आदि को शामिल किया जो माध्यमिक शिक्षा के बाद दी जाने लगी। इस प्रकार की शिक्षा यूनिवर्सिटीज, वोकेशनल क्लासेज और टेक्निकल इंस्टीट्यूट जैसी संस्थाओं द्वारा संचालित की जाने लगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सभी शिक्षकों और बच्चों में डिजिटल लर्निंग गैप को कम करने एवं डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने की बात कही गई है। यही वजह है की आज प्राथमिक विद्यालयों में भी स्मार्ट क्लासेज चल रही है और ज्यादा से ज्यादा आई सी टी (इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी) संसाधनों का उपयोग बढ़ा है इसका मुख्य कारण यह है कि आज के बच्चों का मानसिक विकास पूर्व के समय की तुलना मे तेजी से हो रहा है। डिजिटल कंटेंट से बच्चे आकर्षित होते हैं और जल्दी सीखने की चाहत जागृत होती है। इसलिए आज शिक्षा के क्षेत्र में सभी शैक्षिणक संस्थाएं आईसीटी के संसाधनों का प्रयोग कर रही है। हो भी क्यों न ! बच्चों के लर्निंग आउटकम में बेहतर और सार्थक परिणाम भी देखने को मिल रहा है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सभी वर्गो के बच्चों के लिए दीक्षा, रीड एलॉन्ग, दर्पण, सरल आदि एप्प उपलब्ध कराए गए है जो पूर्णतया निःशुल्क है। समय समय पर एनसीईआरटी और एससीईआरटी द्वारा बच्चों और शिक्षको के लिए निःशुल्क डिजिटल शिक्षा क्विज आदि ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाती है और साथ ही ई सर्टिफिकेट भी उपलब्ध कराया जाता हैं। शिक्षको की आईसीटी प्रतियोगिता कराने से जहां एक ओर शिक्षको में तर्कित क्षमता बढ़ती है वही दूसरी ओर उनके डिजिटल ज्ञान में वृद्धि भी होती है।जिसका फायदा कक्षा में छात्रों को प्राप्त होता है। निश्चित तौर पर इस तरह की गतिविधियों के सम्मिलित होने से जहां एक ओर शिक्षको में लर्निंग गैप कम हो रहा है वहीं छात्रों में तकनीकी ज्ञान के साथ साथ उनके व्यावसायिक कौशल में भी वृद्धि हो रही है आगे चलकर यही ग्रामीण क्षेत्र के छात्र अन्य छात्रों की तरह शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ने में सशक्त होंगे और नए भारत का निर्माण कर सकेंगे। इसलिए बेसिक शिक्षा में आईसीटी सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखता है।


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