अत्याचारियों को भारतीय वीर कभी छोड़ा नहीं करते : उधम सिंह
अत्याचारियों को भारतीय वीर कभी छोड़ा नहीं करते : उधम सिंह शहीद उधम सिंह की पुण्य तिथि पर विशेष शहीद उधम सिंह - जीवन परिचय जन्म- 26 दिसम्बर, 1899 शहीद- 31 जुलाई, 1940 उधम सिंह, जिन्होंने लंदन जाकर जलियांवाला नरसंहार का बदला लिया साल 1919 बैसाखी का दिन पंजाब के अमृतसर में हजारों की तादाद में लोग एक पार्क में जमा हुए थे। रॉलेट एक्ट के तहत कांग्रेस के सत्य पाल और सैफुद्दीन किचलू को अंग्रेजों ने अरेस्ट कर लिया था। लोग वहां दोनों की गिरफ्तारी के खिलाफ शांति से प्रोटेस्ट कर रहे थे। जनरल डायर अपनी फौज के साथ वहां आ धमका और घेर लिया पूरे बाग को। उसने न तो प्रदर्शनकारियों को जाने के लिए कहा और न ही कोई वार्निंग दी। डायर ने बस एक काम किया अपनी फौज को फायरिंग करने का ऑर्डर दिया। फिर शुरू हुआ नरसंहार। अंग्रेजों ने उन मासूम लोगों पर दनादन गोलियां चलाईं। उस फायरिंग में बहुत लोगों की जानें गईं। बाग का इकलौता एक्जिट गेट अंग्रेजों ने बंद कर रखा था। लोग बचने के लिए पार्क की दीवार पर चढ़ने लगे। कुछ जान बचाने के लिए कुएं में कूद गए। गोरों की इस हरकत से सब गुस्साए बैठे थे पर इस घटना से