कर्तव्यों के निर्वहन के लिये श्रमिकों का शिक्षित और जागरूक होना जरूरी : नोमान अजीज खान

 कर्तव्यों के निर्वहन के लिये श्रमिकों का शिक्षित और जागरूक होना जरूरी : नोमान अजीज खान

असंगठित महिला श्रमिकों हेतु एक विशेष कार्यक्रम का किया गया आयोजन 

           


                                                                                                                         

लखनऊ(उमेश यादव)। दत्तोंपंत ठेगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार, क्षेत्रीय निदेशालय, कानपुर द्वारा दिनांक 07 अगस्त 2023 को आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत सोशल अपलिफ्टमेंट थ्रू रिसर्च एंड एक्शन (सूत्र), लखनऊ और केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार के जन शिक्षण संस्थान गोमती नगर लखनऊ के सहयोग से कोरियानी ग्राम पंचायत, गोसाईगंज, लखनऊ में असंगठित महिला श्रमिकों हेतु एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयं सहायता समूह से जुड़ी लगभग 100 महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। सी. पी. सिंह, क्षेत्रीय निदेशक ने अध्यक्ष महोदय व उपस्थित सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया एवं श्रमिक शिक्षा के उददेश्य एवं आजादी का अमृत महोत्सव विषय पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम में उपस्थित श्रीमती कस्तूरी सिंह, निदेशक, सूत्र ने सभी उपस्थित महिला प्रतिभागियों का आवाहन किया कि उन्हें इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से स्वयं को सशक्त व सफल बनाने का जो अवसर मिला है उसका वे भरपूर लाभ उठायें और सीखे हुए ज्ञान को अपने अपने परिवार एवं समाज की दूसरी महिलाओं के बीच भी बांटे। डॉ कीर्ति विक्रम सिंह, सहायक निदेशक, इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) ने अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षित श्रमिक ही देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है बिना शिक्षा के उनका समाजिक एवं आर्थिक विकास असंभव है। उन्होने बताया कि इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी में भी विभिन्न प्रकार के कामगारों के विकास से संबंधित अलग अलग प्रकार के कई कोर्स करने का प्रावधान है, जिनके अध्ययन से स्वयं को सशक्त बनाया जा सकता है। कार्यक्रम में उपस्थित नोमान अजीज खान, महाप्रबंधक लुलु हाइपरमार्केट लखनऊ ने अपने सम्बोधन में कहा कि आत्म निर्भर भारत का सपना तभी साकार हो सकता है जब देश का श्रमिक वर्ग अपने कर्तव्यो का निर्वाहन ठीक ठंग से करे और यह तभी संभव है जब वह शिक्षित एवं जागरुक हो।उन्होने श्रम कल्याण, रोजगार, प्रशिक्षण एवं मानव अधिकारिता से संबंधित विभिन्न कल्याणकारी नीतियां व नियमों से परिचय करवाया।कार्यक्रम के दौरान प्रो.अनूप कुमार सिंह, प्राचार्य, पीपीएन डिग्री कॉलेज कानपुर ने प्रतिभागियों को मिलेट्स की जानकारी देते हुए कहा कि मिलेट का हिंदी नाम बाजरा है। यह दो प्रकार का होता है - एक मोटा दाना और दूसरा छोटा दाना। मिलेट्स में ज्वार, बाजरा, रागी, कुटकी और कुट्टू जैसे आदि अनाजों को शामिल किया जाता है। मिलेट्स शरीर को अनेक प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव के साथ ही एक बेहतर इम्यूनिटि बूस्टर का काम करते है। अनिल कुमार श्रीवास्तव, निदेशक, जन शिक्षण संस्थान, लखनऊ ने भी अपने संबोधन में प्रतिभागियों को महिला सशक्तिकरण का महत्व समझाते हुए कहा कि आज महिलाएं विदेशों में भी देश का नाम रोशन कर चुकी है। इसी तरह हमें भी सशक्तिकरण करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।आशुतोष गुप्ता, प्रमुख नगर बौद्धिक प्रकोष्ठ, लखनऊ ने बताया कि महिलाओं को भी अपने सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए पुरुषों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर चलना होगा एवं देश की तरक्की में अपना योगदान देना होगा। इसके साथ ही उन्होनें बताया कि महिलाओं को कभी भी पुरूषों से तुलना नहीं करनी चाहिए, क्योंकि बिना महिलाओं पुरूषों का विकास संभव ही नहीं है, महिला ही तो पुरूष की जन्मदात्री है, इसीलिए आवश्यक है कि वे अपने आप को पहचाने और आगे बढ़े।उद्योग एवं समाज के विकास में दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम के अंत में सी. पी. सिंह, क्षेत्रीय निदेशक ने उपस्थित सभी अतिथियों को कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अपना आभार व्यक्त किया एवं उपस्थित सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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