कल्पनाथ सिंह स्मृति सम्मान से अलंकृत की गई वरिष्ठ लेखिका डॉ अमिता दुबे
कल्पनाथ सिंह स्मृति सम्मान से अलंकृत की गई वरिष्ठ लेखिका डॉ अमिता दुबे
सादर नमन कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकारों का भी किया गया सम्मान
रिपोर्ट उमेश यादव, बाराबंकी।
शहर के पटेल चौराहा स्थित क्राउन पैलेस के सभागार में ख्यातिल्लब्ध साहित्यकारों का जमघट लगा था मौका था कीर्ति शेष ठाकुर कल्पनाथ सिंह जी के तृतीय पुण्य स्मरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम सादर नमन का।मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण पुष्प अर्पण के उपरांत सरस्वती पुत्र श्री कल्पनाथ सिंह जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरविंद सिंह गोप उनके पुत्र चिरंजीव अविरल सिंह, कार्यक्रम अध्यक्ष पद्मश्री रामसरन वर्मा, विशिष्ट अतिथि महेंद्र भीष्म, डॉक्टर राम बहादुर मिश्र, बाल साहित्यकार स्नेह लता स्नेह, डॉ अमित दुबे ने की।समाजसेवी साहित्यकार अजय सिंह गुरूजी द्वारा अतिथि परिचय एवं अतिथि स्वागत के उपरांत पूरे सभागार द्वारा श्री कल्पनाथ सिंह को 2 मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर सादर नमन किया गया। श्री कल्पनाथ सिंह सेवा न्यास एवं श्री सिंह के सुपुत्र श्री सर्वेश कुमार सिंह द्वारा भाव समर्पण शब्द वंदन से किया गया उन्होंने पिता पर समर्पित काव्य पंक्तियां, हे पितृ मुझ पे ऋण तेरा यह न मै उतार दूं जो मैं ना कुछ भी कर सका तो व्यर्थ जीवन स्वयं का, पढ़कर किया। इसके उपरांत श्री कल्पनाथ सिंह के कृतित्व पर चर्चा डॉक्टर श्यामसुंदर दीक्षित जी, डॉक्टर विनय दास, डॉक्टर सत्यवान जी द्वारा विस्तृत रूप में की गई। रंग कमी पूजा पांडे जी की टीम द्वारा श्री सिंह के एकांकी संग्रह दो आंखे से समय का स्वर एकांकी का एवं नृत्य नाटिका धरोहर का मनमोहक मंचन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के केंद्र में श्री कल्पनाथ सिंह स्मृति सम्मान डॉक्टर अमिता दुबे जी को प्रदान किया गया उनके साथ उनके जीवन संगी श्री आलोक कुमार दुबे जी भी उपस्थित रहे। डॉक्टर अमिता दुबे को स्मृति चिन्ह अंग वस्त्र माल्यार्पण के उपरांत पुष्प गुच्छ एवं पत्र - पुष्प ( सम्मानित धनराशि )द्वारा अलंकृत किया गया तालियों की गड़गड़ाहट एवं शंख ध्वनि के साथ मुख्य अतिथि कार्यक्रम अध्यक्ष विशिष्ट अतिथि एवं न्यास के मुख्य सेवक एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अरुणा सिंह के कर कमल द्वारा उन्हें अलंकृत किया गया। अवधी के ध्वजवाहक डॉ राम बहादुर मिश्र जी ने श्री कल्पनाथ सिंह जी के साहित्य पर शीघ्र शोध करने की बात पर बल दिया। आदर्श बाराबंकवी ने श्री सिंह के व्यक्तित्व पर नजम पढी फिर भी न खुद को दीर्घ दिखाते थे कल्पनाथ, खूब सराही गई। कार्यक्रम का सुव्यवस्थित संचालन आशीष पाठक ने किया। इसी क्रम में साहित्य भूषण मोहम्मद मूसा खान अशांत ने वरिष्ठ पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों को भी सम्मानित किए जाने हेतु आमंत्रित किया जिन्हें न्यास की ओर से अंग वस्त्र एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। विशिष्ट अतिथि श्री महेंद्र भीष्म ने श्री सिंह की काव्य पंक्तियां काल तुमसे क्यों डरूं मैं का वाचन कर उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व की भूरि भूरि सराहना की। विशिष्ट अतिथि श्रीमती स्नेह लता स्नेह जी ने श्री सिंह की एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाने वाली कविता मन के भोले भाले बादल के विषय में कहा कि मैं अपने को सम्मानित महसूस कर रही हूं कि अपने पौत्र को पढ़ाने वाली इस कविता के रचयिता के कार्यक्रम में मैं विशिष्ट अतिथि के रूप में हूं। पद्मश्री राम सरन वर्मा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि कल्पनाथ सिंह जी का साहित्य समय की आवश्यकता है उनके चिंतन से राष्ट्रवादी विचारधारा को बल मिलता है। मुख्य अतिथि श्री गोप ने कहा कि कल्पनाथ सिंह जी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व अत्यंत व्यापक था वह हिंदी साहित्य के दैदीप्यमान नक्षत्र है उनकी लिखी हुई रचनाएं सदियों तक अमर रहेंगी। अंत में आभार व्यक्त करते हुए श्री सर्वेश कुमार सिंह ने सभी साहित्यकारों बुद्धिजीवियों मीडिया कर्मियों तथा सभा में उपस्थित लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि मैं सभी लोगों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं आप सभी लोग मेरी प्रेरणा के स्रोत है इस अवसर पर अकबाल राही, राम किशोर तिवारी किशोर, डॉक्टर बलराम वर्मा, डॉक्टर सुधीर वर्मा, गुलजार बानो, हाशिम अली हाशिम, डॉक्टर उस्मानी, तारिक जिलानी मोहसिन किदवई, शोएब चौधरी, आफाक अली, पंकज वर्मा कवंल, प्रदीप सारंग एवं अन्य अनेक गणमान्य एवं बुद्धिजीवी मौजूद रहे कार्यक्रम में श्री कल्पनाथ सिंह के जीवन चरित्र पर वृत चित्र का भी प्रसारण किया गया जिसे लोगों ने खूब सराहा।
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