दिल्ली के रामलीला मैदान में देश के कोने कोने से पहुँचे लाखों कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली का फूंका बिगुल
नई दिल्ली( ब्रिजेश सिंह / सरला यादव)। पुरानी पेंशन को लेकर देश भर के सरकारी कर्मचारी लगातार आंदोलन करके आवाज बुलंद कर रहे हैं। सोमवार 01 अक्टूबर 2023 को नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के बैनर तले देशभर से लाखों कर्मचारी दिल्ली के राम लीला मैदान पहुंचे हैं। अलग अलग कर्मचारियों के संगठन ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। इसी को लेकर कर्मचारी संगठन दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस रैली को पेंशन शंखनाद महारैली का नाम दिया गया है। इस रैली को देश के किसान और अन्य मजदूर संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है। इस प्रदर्शन के माध्यम से सभी एकजुट होकर पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग कर रहे है। रामलीला मैदान में आज फिर से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर देश भर के अलग अलग राज्य जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा जैसे अलग अलग राज्यों से शिक्षक, डॉक्टर, रेलवे सहित अलग अलग विभाग से कर्मचारी पहुंचे और सभी ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सरकार को चेतावनी दी है। प्रदर्शन करने पहुंचे कर्मचारियों का कहना है कि कई राज्यों में वोट की चोट पर पुरानी पेंशन बहाल हुई है, लेकिन अगर केंद्र सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो आने वाले 2024 के चुनाव में इसका नुकसान केंद्र सरकार को उठाना पड़ेगा और हमें उम्मीद है कि हमारी मांग सरकार मानेगी। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा मुन्ना, यूटा जिलाध्यक्ष बाराबंकी आशुतोष कुमार, अटेवा बाराबंकी महामंत्री हेमन्त यादव, संयोजक रामसागर वर्मा, महामंत्री जितेंद्र बहादुर यादव, राम यश विक्रम, राजेश वर्मा, मधुर मोहन, हरे राम पटेल, आदित्य प्रताप सिंह, अमर बहादुर सिंह, प्रदीप यादव, सुनील कुमार वर्मा, अजय यादव, टी एस सी टी जिलाध्यक्ष महेंद्र वर्मा, जगदीश प्रसाद आदि सहित सैकड़ों की संख्या में बाराबंकी से शिक्षकों ने पुरानी पेंशन रैली में प्रतिभाग किया।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बाराबंकी, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, सहित सूबे के अलग अलग जगहों से आए कर्मचारियों ने बताया कि सरकार नई पेंशन लागू कर रही है, लेकिन हम सरकार से पूछना चाहते हैं जो एक बार का सांसद या विधायक या पार्षद है, उसे जिंदगी भर पेंशन क्यों दी जाती है ! इतना ही नहीं उसे तीन बार पेंशन अलग अलग दी जाती है। लेकिन सिर्फ कर्मचारियों को पेंशन देने से सरकार कतरा रही है। यह दोहरी नीति बिल्कुल नहीं चलेगी। आज देश भर से यहां पर लोग इकट्ठा हुए हैं। सरकार अगर हमारी बातें मानती है तो ठीक, नहीं तो इस बार की चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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