मेट्रो में बत्तमीजी करने वाले लड़के के गाल पर ऐक्ट्रेस शिखा ने जड़ा तमाचा सिखाया सबक
मेट्रो में बत्तमीजी करने वाले लड़के के गाल पर ऐक्ट्रेस शिखा ने जड़ा तमाचा सिखाया सबक
लखनऊ। यूँ तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्राओं के दौरान होने वाली अजीब ओ गरीब घटनाएं सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं लेकिन कोई सिलेब्रिटी के साथ कुछ ऐसा घट जाए और वीडियो वायरल हो जाये तो उस सिलेब्रिटी को अक्सर जनता के सामने आकर घटना का सच साझा करना पड़ता है। जिस वायरल वीडियो की हम बात कर रहे हैं इस खबर के पढ़े जाने से पहले किसी को भी यह नहीं पता है कि उसमें मास्क और गॉगल्स पहने दिखने वाली लड़की और कोई नहीं एक्ट्रेस शिखा मल्होत्रा हैं। जी हाँ, वही शिखा मल्होत्रा जिन्होंने कोरोना काल में अपनी नर्सिंग की डिग्री का सही इस्तेमाल करते हुए मुम्बई के बीएमसी अस्पताल के कोविड आईसीयू में करीब 10 महीनों तक बिना सैलेरी मरीजों की सेवा की थी और उसके लिए उन्हें तत्कालीन महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध लोगों से सराहना भी मिली और पूर्व राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी जी के हाथों कोरोना योद्धा का पुरस्कार भी मिला था। अब इस वायरल वीडियो की बात करें तो इसमें दिखाई क्या दे रहा है ? एक असंस्कारी टाइप का लड़का जो सीट पर बैठा है वो एक सामने खड़ी लड़की से ये कहता दिख रहा है कि, तेरे जैसी लड़की, और जवाब में लड़की उसके गाल पर एक तमाचा रसीद करते हुए कहती दिखाई दे रही है कि, मेरे जैसी लड़की, हां, मैं तेरी मां जैसी, तेरी बहिन जैसी! आसपास के कई लोग वीडियो बनाने के अलावा उस लड़के को रोकते और समझाते हुए दिख रहे हैं ! यह तो हुई वायरल वीडियो की बात जिसे अब तक 3.5 मिलियन से ज़्यादा लोग देख चुके हैं और उस वीडियो को देख कमेंट करने वाले कई लोग लडक़ी की तारीफ कर रहे हैं कि अच्छा सबक सिखाया। कई लोग उस लड़की में बिग बॉस में जाने लायक मटेरियल भी देख रहे हैं। किसी इंस्टाग्राम यूजर के आईडी पर डाले गए इस घटना के अलग अलग वीडिओज़ की सीरीज है जो उसने 4 दिन पहले डालना शुरू किए थे। जब वाया वाया ये वीडियो एक्ट्रेस शिखा मल्होत्रा को दिखा तो उनको लगा कि देखने वालों तक अधूरी बात क्यों जाए इसलिए उन्होंने पत्रकारों के माध्यम से उस दिन की घटना और उसके कारणों के बारे में पूरी बात बताई। उन्होंने बताया कि बात 25 अक्टूबर की है एक्ट्रेस शिखा मल्होत्रा अपने म्यूजिकल बैंड हसीना द बैंड के शो के सिलसिले में मुम्बई से दिल्ली गई हुई थी। अक्सर मुम्बई में सेलेब्रिटी ट्रैफिक से बचने के लिये मेट्रो या फेरी का इस्तेमाल कर लेते हैं वैसे ही शिखा मल्होत्रा ने दिल्ली में शो तक पहुंचने के लिए सबसे तेज़ तरीके मेट्रो को चुना। पहचानी ना जा सके इसलिए मुह पर मास्क और आंखों पर गॉगल चढ़ा वो अपनी माता जी शोभा देवी के साथ प्रताप नगर मेट्रो स्टेशन से होटल लीला पैलेस के लिए रवाना हुई, रास्ते में वेलकम मेट्रो स्टेशन से उन्होंने दूसरी मेट्रो पकड़ी। अब तक तो सब सही था, यात्रा सुखद थी। मेट्रो में बैठने की जगह काफी थीं लेकिन शिखा जी के साथ लगेज भी था तो उन्होंने माताजी को सीट पर बैठा दिया और खुद दरवाज़े के पास अपने सामानों के साथ खड़ी हो गईं। किसी स्टेशन से ट्रैन में तीन लोग चढ़े जो शिखाजी की माताजी के पास वाली खाली सीट्स में आकर बैठ गए। वहां 2 लोगों के बैठने की जगह में वो तीन लोग बैठना चाह रहे थे। वो ज़बरदस्ती एडजेस्ट हो भी गए लेकिन शोभाजी को अनकम्फर्टेबल महसूस होने लगा, जिसकी एक वजह ये भी थी कि वो एक एक्सिडेंटल पैर के साथ यात्रा कर रही थी। उन्होंने वीडियो में दिखाई दे रहे लाल शर्ट वाले लड़के से कहा कि आप बेटा सामने बैठ जाओ, वहाँ सीट खाली है ! तो जहां कई युवा लड़के ऐसी स्थित में जब कोई बुजुर्ग, प्रेग्नेंट या तकलीफ में किसी को देखते हैं तो अपनी सीट्स छोड़ उसे सीट्स आफर करते हैं यहाँ इस लाल शर्ट वाले लड़के ने बड़ी बेपरवाही और बदतमीजी से बोला अरे हम तीनों साथ आये हैं तो साथ ही बैठेंगे न ! इस तरह का रूड जवाब सुनकर शोभाजी चुपचाप रह गईं। दरवाज़े के पास खड़ी शिखा जी ये देख रहीं थी लेकिन उन्होंने बात बढ़ाना उचित नहीं समझा ! उस लाल शर्ट वाले लड़के के मन में अभी भी खुराफात चल रही थी तो उसने शोभा जी से पूछा कि आंटी क्या अकेली आई हो क्या आप ? शोभा जी पहले ही अपमानित होकर चुप हो गई थी वो ऐसे सवाल से सकपका गई और उन्होंने शिखाजी को देखा ! तो शिखा जी तुरंत प्रभाव से सामानों को साथ लिए वहां आई और शिखाजी बोली कि क्या बात है अकेले नहीं आई है वो ? लड़का अकड़ कर बोला तू क्यों बोल रही है ? तू कौन है ? तो शिखाजी ने कहा कि तू जिससे बदतमीजी से बात कर रहा है वो मेरी माँ है, बेटी हूँ मैं उनकी! अब जो वीडियो में वायरल दृश्य की बात सुनिए। लाल शर्ट वाला लड़का बोला हिकारत भरी आवाज़ में तेरी जैसी लड़कियां, बस यह सुनते ही शिखाजी ने चरित्र हनन करने वाली इस बात को पूरा नहीं होने दिया और तुरंत उसके गाल पर एक तमाचा रसीद कर दिया और तेरी जैसी का मतलब क्या ? तेरी मां जैसी... तेरी बहिन जैसी.. समझा ? इसके बाद कई यात्री जिनमें वकील, अच्छे घरों के लोग शिखाजी के बचाव में आ गए, यहां तक की उस लड़के के साथ के बाकी पुरूष भी उसी लड़के को समझा रहे थे। शिखाजी ने उन सभी का धन्यवाद करते हुए अपनी बात को अंतिम रूप देते हुए कहा कि इस लाल शर्ट वाले लड़के की तरह देश के कई युवाओं की परवरिश में ऐसी कमी रह गई है कि जब उन्होंने कभी अपनी माँ, बहन, बीवी का सम्मान नहीं किया तो वो किसी अंजान महिला का क्या सम्मान कर सकेंगे ! उसके आक्षेप मेरे जैसे जीन्स टॉप पहनने, चश्मा लगाने, मॉर्डन रहने को लेकर थे। किसी की बॉडी शमिंग वाली टिप्पणियां जिससे ज़ाहिर होता है स्त्री को पुरुषों के मुताबिक ही कपड़े पहना चाहिए ऐसी पूरी तरह से घटिया मानसिकता खराब अपब्रिंगिंग का नतीजा है! मैं उन सभी लोगों को खास ये संदेश देने के लिए यहां आई हूँ कि जीवन में हमेशा मुखर रहें, डरे नहीं, गलत का विरोध करें, अपने माता पिता जिनकी वजह से आप एक सुरक्षित और सुंदर जीवन जी रहे हैं उन्हें कभी कोई आंख उठाकर भी देखे तो एकपल सोचे नहीं, वो आंख ही नोच डालें ! जब तक आप अपने हक के लिए खड़े हैं तो दुनिया भी आपके साथ हो लेगी, आप ही ने इनशेटिव नहीं लिया तो कोई क्या ही मदद कर पायेगा आपकी। मैंने जो उस दिन किया वही मैं आगे भी हमेशा करूंगी। भले कोई मुझे 2 थप्पड़ मार दे लेकिन में एक थप्पड़ तो मारके ही रहूंगी, गलत नहीं सहूंगी ! मैं तो फाइटर हूँ जब कोविड के समय मौत से बिना डरे इतने महीनों आईसीयू में कितने ही अनजान लोगो का साथ निभा सकती हूँ फिर भी ये तो माँ थी, रिएक्शन तो बनता ही था ! तो कभी गलत मत सहिए क्योंकि गलत सहने वाला ज़्यादा बड़ा दोषी होता है गलत करने से वाले के मुकाबले।
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