राम रस के आगे दुनियां के सभी रस बेकार....... श्री राम मनोहर लाल
*राम रस के आगे दुनियां के सभी रस बेकार....... श्री राम मनोहर लाल*
*दक्षिणेश्वर हनुमान मंदिर पर चल रहें राम कथा में उमड़ रही भक्तों की भीड़*
*मऊ।*
राम रस का स्वाद प्राप्त हो जाने पर अन्य किसी भी रस का स्वाद अच्छा नहीं लगता है।श्री राम चरित मानस की प्रत्येक चौपाई जीवन में सहजता सरलता नम्रता तथा सरसता लाती हैं।मानस के प्रत्येक चरित्र मनुष्य के लिए अनुकरणीय तथा स्मरणीय है ।उक्त सद्विचार है मानस मर्मज्ञ कथा वाचक श्री मनोहर लाल शास्त्री के ।वे नगर के कृष्ण चित्र मंदिर के प्रांगण में आयोजित साप्ताहिक श्री राम कथा के अनंतर भक्तो के बीच उक्त विचार व्यक्त कर रहे थे ।श्री शास्त्री ने कहा कि कलयुग में श्री राम के नाम का आधार लेकर ही भव सागर से पार पाया जा सकता है ।श्री शास्त्री ने श्री राम लला के साथ साथ चारो भाइयों के बाल रूप का मनमोहक रूप से वर्णन किया।उन्होंने कहा कि परमात्मा अपनी सभी शक्तियों के साथ ही पृथ्वी पर जन मानस के उद्धार के लिए अवतरित होते है ।इस अवसर पर श्री दक्षिणेश्वर हनुमान मंदिर के पुजारी विवेकानंद नागराज राम आशीष दुबे देवेंद्र मोहन सिंह राजकुमार अनुपम श्री हनुमत कृपा सेवा समिति के डा रामगोपाल रिंकू मिश्रा मोती लाल विश्वकर्मा अमित शर्मा आदि ने व्यास जी की आरती उतारी ।इस अवसर पर मुख्य रूप से अरुण कुमार आर के सिंह कमल कुमार छवि श्याम शर्मा मोनू सिंह राजेश श्रीवास्तव श्रवण गुप्ता त्रिभुवन वर्मा समेत सैकड़ों लोगों ने कथा श्रवण किया ।
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