अभिभावक मंच ने निजी विद्यालयों की मनमानी को लेकर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
अभिभावक मंच ने निजी विद्यालयों की मनमानी को लेकर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
मऊ से सुशील सिंह की रिपोर्ट
खबर उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद से है जहां मऊ जिले के अभिभावक मंच ने निजी विद्यालयों के मनमानी को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है । अभिभावक मंच ने जिलाधिकारी को अवगत कराया है कि जनपद में सीबीएसई बोर्ड से सम्बद्ध , असम्बद्ध निजी विद्यालयों की भरमार हैं । जिनके द्बारा CBSE और NCERT के आदेशों , निर्देशों व निर्धारित मानकों का जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की घोर लापरवाही एवं मिली भगत से खुला उल्लंघन कर रहे हैं । जिससे त्रस्त होकर अभिभावक त्राहि-त्राहि कर रहे हैं । इस संबंध में अभिभावक मंच मऊ विगत 5 वर्षों से जिलाधिकारी एवं जिला विद्यालय निरीक्षक महोदय को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराता रहा है । वहीं अभिभावक मंच जनपद-मऊ आप के सम्मुख से पुनः मांग करता है कि सभी विद्यालयों में सख्ती से बैग वजन मानक लागू किया जाए। इसके साथ NCERT द्वारा प्रकाशित पुस्तकें ही पढ़ाये जाने की अनिवार्यता को बाध्य कारी किया जाए । वहीं शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के 90 दिन पूर्व विद्यालय की वेबसाइट पर शुल्क और 60 दिन पूर्व पाठ्य पुस्तकों की सूची प्रकाशक के नाम सहित अपलोड करने का प्राविधान है । इसका अनुपालन जिले के किसी भी निजी विद्यालयों द्वारा नहीं किया गया है । विद्यालय की वेबसाइट पर NCERT से नहीं प्रकाशित विषयों की पाठ्य पुस्तकों की सूची उपलब्ध कराई जाए व पाठ्य पुस्तकों के अनुसार ही पठन-पठान सुनिश्चित किया जाए,प्रायः देखने में आता है कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत के कारण पाठ्य पुस्तकों की सूची और शुल्क का विवरण विलंब से विद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है। और अभिभावकों को विशेष पुस्तक केन्द्रों से विशेष विद्यालय की पाठ्य सामग्री की खरीद के लिए बाध्य किया जाता है। जैसे पिछले वर्षों में विद्यार्थी बुक डिपो से चंद्रा पब्लिक स्कूल की, सम्राट बुक डिपो से अमृत पब्लिक स्कूल की,विद्या केंद्र नामक दुकान से सनबीम स्कूल की वहीं विद्यार्थी संगम नामक दुकान से फातिमा स्कूल की पाठ्य पुस्तकों की बिक्री की जाती है जिसकी शिकायत पिछले वर्ष आप श्रीमान जी से करने पर जांच गठित की गई थी । जिसमें दोषी पाए जाने के बावजूद दोषियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। जांच आख्या संलग्न है।
ज्ञात हो कि स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालयों द्वारा शुल्क बढ़ोतरी से 90 दिन पूर्व जिला शुल्क नियामक समिति से अनुमति लेना आवश्यक है ,उसके बाद ही शुल्क बढ़ोतरी संभव है। निजी विद्यालयों द्वारा मनमाने ढंग से अधिनियम 2018 लागू होने के पश्चात से शुल्क बढ़ोत्तरी की गई है । जिसकी जांच हेतु एक जांच टीम गठित कर करना अति आवश्यक है । अधिनियम 2018 के अनुसार छात्र व छात्रा से उद्ग्रहीत प्रत्येक शुल्क या प्रभार के लिए रसीद जारी की जाएगी । लेकिन नामचीन स्कूलों द्वारा अवैध शुल्क या प्रभार उद्ग्रहीत करने की रसीद नहीं दी जाती है और न तो अवैध धन उगाही का ऑनलाइन पेमेंट ही लिया जाता है । ऐसी शिकायत अभिभावकों से प्राप्त होने पर भी शिक्षा विभाग द्वारा चुप्पी साध ली जाती है । फातिमा स्कूल द्वारा ऑनलाइन पेमेंट नहीं लिया जाता है । जनपद के समस्त स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय नेशनल बिल्डिंग कोड के मानकों के विरुद्ध स्कूल भवन, बाउंड्री वॉल एवं क्लास रूम का निर्माण कर संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र विभाग को घूस देकर प्राप्त कर चुके हैं । इसकी जांच हेतु किसी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित करते हुए जांच करना अति आवश्यक है । अभिभावक मंच ने जिलाधिकारी से मांग किया कि उक्त प्रकरण का संज्ञान लेते हुए एवं उ.प्र. स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क निर्धारण अधिनियम 2018 के पदेन अध्यक्ष के कर्तव्यों का अनुपालन करते हुए निजी विद्यालयों पर कठोर कार्रवाई कर अभिभावकों को इनकी लूट से बचाया जाए ।
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