महाराजा सुहेलदेव राजभर जी का एक हजार सोलहवीं जयन्ती समारोह धूम धाम से मनाया गया
देश, धर्म, समाज, संस्कृति रक्षक नाग, भारशिव,भरत कुल दिवाकर श्रावस्ती सम्राट राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव राजभर जी का एक हजार सोलहवीं जयन्ती समारोह धूम धाम से मनाया गया
सन्त कबीर नगर विकास खण्ड पौली के ग्राम मकदूमपुर उर्फ मछलीगांव में देश धर्म समाज और संस्कृति के रक्षक नाग, भारशिव,भरत कुल दिवाकर श्रावस्ती सम्राट राष्ट्र वीर भगवान श्री सुहेलदेव राजभर जी का एक हजार सोलहवीं जयन्ती समारोह पंचायत भवन मकदूमपुर उर्फ मछलीगांव में धूम धाम से मनाया गया मुख्य अतिथि शैलेश कुमार राजभर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय जल सत्याग्रह आन्दोलन रहे।
जयन्ती समारोह के आयोजक सुहेलदेव युवा कमेटी के अध्यक्ष दीनानाथ राजभर के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के द्वारा जयन्ती समारोह कार्यक्रम से एक किलोमीटर दूर रास्ते में ही मुख्य अतिथि शैलेश कुमार राजभर को रोककर माल्यापर्ण कर फूल मालाओं से बैण्ड बाजा के साथ भव्य स्वागत करते हुए भारत माता की जय, सुहेलदेव राजभर की जय सुहेलदेव राजभर अमर रहे हर हर महादेव सत्याग्रह आन्दोलन जिन्दाबाद, शैलेश कुमार राजभर जिन्दाबाद शैलेश कुमार राजभर संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है ,शैलेश राजभर जिन्दाबाद शैलेश राजभर संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है जोशीले गगनभेदी नारो से आकाश गुंजायमान करते हुए कार्यक्रम स्थल तक शैलेश कुमार राजभर जी को भारत सिंह यादव प्रधान प्रतिनिधि, शिक्षक योगेन्द्र राजभर,ओमकार राजभर गीतकार राष्ट्रीय महासचिव अखिल भारतीय जल सत्याग्रह आन्दोलन,रमेश राजभर, ओमप्रकाश राजभर, शिवसहाय आदि ने मंचासीन कराये।
जयन्ती समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि शैलेश कुमार राजभर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने लखनऊ में महाराजा सुहेलदेव राजभर जी का मूर्ति लगाने के साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गाजीपुर से नई दिल्ली तक सुहेलदेव सुपरफास्ट ट्रेन चलाये एव डाक टिकट जारी किये और तत्कालीन भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी ने गुल्ला वीर मंदिर बहराईच में सुहेलदेव जी के मूर्ति का अनवारण किये एवं मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ महराज जी ने बहराईच मेडिकल कालेज का नामकरण महाराजा सुहेलदेव मेडिकल कालेज बहराईच करने के साथ ही विश्व स्तर के महाराजा सुहेलदेव स्मारक बहराईच में बनाने हेतु दो सौ करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया हैं मुख्य अतिथि शैलेश कुमार राजभर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय जल सत्याग्रह आन्दोलन ने समारोह को समबोधित करते हुये कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने गीता के उपदेश में कहा है कि जब जब धरती पर अधर्म बढ़ जाता है तो धर्म की स्थापना के लिए धरती पर मानव के रूप में अवतरित होकर पापियों का नाश कर धर्म की स्थापना करता हूँ इसी कड़ी में जब गजनी से महमूद गजनवीं का भान्जा विदेशी आतातातायी घुसपैठिया सैयद सालार मसऊद गाँजी मिंया भारत को इस्लामिक राष्ट्र का ख्वाब पाले हुए छह लाख सैनिकों सहित भारत पर आक्रमण कर लूट पाट कोहराम मचाते हुए मुल्तान, दिल्ली,पंजाब, मेरठ, लखनऊ, बाराबंकी आदि को जीतते हुए सोमनाथ मंदिर को लूट कर अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर को तोड़ा और बनारस काशी मंदिर को भी गिरा दिया और जेहाद के नाम पर लाखो नर नारियों काफिरो के खून से तलवार की प्यास बुझाई जो कलमा पढ़ लेता उसे जान बख्श देता जो कलमा नहीं पढ़ा उन्हें जमीन में गड़वाकर गुड़ डालकर कुत्तों से नोचवाता बच्चों को आशमान में उछालकर भालो के नोक पर टांग दिया गर्भवती महिलाओं के पेट में छूरा घोंप दिया बूढ़ जवान किसी को नहीं छोड़ा गाँव के गाँव में आग लगाकर जला दिया महिलाओं को नंगा कर सेना में ढकेलकर बलात्कार कराया ऐसा जबरन धर्म परिवर्तन वीभत्स नजारा को देखकर धरती काँप गई जिससे पूरे भारत वर्ष में हाहाकार मच गया ऐसा जघन्य अपराध का दण्ड देने के लिए भगवान श्री हरि विष्णु का अवतार सन् एक हजार नौ इस्वी (1009) बसन्त पंचमी के दिन राजा बिहारीमल राजभर की पत्नी रानी जयलक्ष्मी राजभर के गर्भ से भगवान श्री सुहेलदेव राजभर जी का जन्म बड़े पुत्र रत्न के रूप में हुआ इनके दो छोटे भाई और एक बहन अम्बे देवी का बाद में जन्म हुआ इनके अट्ठारह वर्ष की आयु में सन् एक हजार सत्ताईस इस्वी (1027)में सिंहासनरोहण हुआ और ये श्रावस्ती के राजा घोषित कर दिये गए और देश के इक्कीस राजाओं को संगठित करके बहराईच के चित्तौड़ा मैदान में इक्कीस दिन के घनघोर युद्ध में दस जून एक हजार चौंतीस ईस्वी (10 जून 1034)को छह लाख जिहादी सेनाओं सहित सैयद सालार मसऊद गाँजी मिया का वध करके गाँजी मिया के आतंक से भारत वर्ष को मुक्त कराया इस विजय की गूँज से पूरे विश्व में भगवा ध्वज फहर गया और (150) एक सौ पचास वर्षो तक किसी विदेशी की हिम्मत नहीं हुआ भारत वर्ष पर आक्रमण करे यह धर्म युद्ध महाभारत के बाद दूसरा महायुद्ध था जो लाखो सैनिकों की वीरगति सुहेलदेव राजभर के तरफ से प्राप्त हुआ उन्हें सनातन हिन्दू धर्म समाज डीह की उपाधि से सम्मानित करने के साथ ही इन्हें गाँव गाँव डीह बाबा ग्राम देवता के रूप में आज भी पूजा अर्चना किया जाता है और गाँजी मिया के पक्ष में जो शहीद हुए उन्हें मुस्लिमों ने शहीद का दर्जा देकर पूजा कर रहे हैं सुहेलदेव राजभर जी सन् एक हजार सतहत्तर इस्वी(1077) में इनका स्वर्गारोहण हुआ भगवान श्री सुहेलदेव राजभर जी के देश के प्रति योगदान को कांग्रेसी, वामपंथी इतिहासकारों द्वारा उदात्त चरित्र को छिपाया गया जिससे आम जनमानस सुहेलदेव राजभर के अमर कृत्य को देश वासियों ने भुला दिया जिसके परिणाम स्वरूप भारत पर यवनो हूणो पुर्तगालियों मुगलो अंग्रेजो का देश गुलाम रहा और देश इरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश के रूप में बटा और इस्लामिक राष्ट्र हो गए
श्री राजभर ने आगे कहा कि श्री सुहेलदेव राजभर जी से प्रेरणा लेकर उनके आदर्शो और उनके रास्ते पर चलते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी जम्बू कश्मीर से धारा 370 एवं 35 ए खत्म कर जम्बू कश्मीर में भारतीय तिरंगा झण्डा लहराने के साथ ही भारतीय संविधान लागू कर देश से जोड़ने का काम किये जो इतिहास के पिछली भूलो को सुधार रहे हैं श्री राजभर ने जयन्ती समारोह में उमड़ी भीड़ का हाथ उठवाकर भगवान श्री सुहेलदेव राजभर जी का संकल्प दिलाया कि देश को बंटने से बचाने के लिए आप सभी लोग प्राणों की आहुति देने से पीछे नहीं हटेगें यही सच्चे अर्थो में भगवान श्री सुहेलदेव राजभर जी का जयंती मनाना सार्थक सिद्ध होगा श्री राजभर ने आगे कहा कि आज के समय में राजभर समाज का दीन हीन दशा मात्र अनुसूचित जनजाति में शामिल होने से ही बदल सकता है राजभर समाज का विकास तभी संभव है जब अनुसूचित जनजाति रूपी संवैधानिक हथियार प्राप्त हो विशिष्ट अतिथि शिक्षक योगेन्द्र राजभर ने राजभर समाज को शिक्षित बनो संगठित हो संघर्ष करो का नारा दिया एवं राजभर समाज में व्याप्त अंधविश्वास अशिक्षा को दूर कर घोर गरीबी से बाहर निकलने पर जोर दिया इस अवसर पर भारत सिंह यादव प्रधान प्रतिनिधि,ओमकार राजभर गीतकार राष्ट्रीय महासचिव अखिल भारतीय जल सत्याग्रह आन्दोलन,रमेश राजभर, ओमप्रकाश राजभर, शिवसहाय राजभर, विक्रम राजभर आदि हजारों महिला पुरूष रहें।
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