संगीत प्रेमियों ने मनाई पंडित विष्णु नारायण भातखंडे की 163 वीं जयंती

 संगीत प्रेमियों ने मनाई पंडित विष्णु नारायण भातखंडे की 163 वीं जयंती





बाराबंकी(उमेश यादव)। कोमल संगीत अकादमी बाराबंकी द्वारा 10 अगस्त 2023 को पंडित विष्णु नारायण भातखंडे की 163 वीं जयंती में मनाई गई। उत्तर भारतीय संगीत पद्धति के जनक एवं भारतीय संगीत को सरल एवं रोजगार परक शिक्षा के रूप में स्थापित करने का श्रेय भातखण्डे जी को ही जाता है भातखंडे जी का जन्म 10 अगस्त 1860 में हुआ। लखनऊ में मैरिज म्यूजिक कॉलेज की स्थापना की जो भातखंडे संगीत संस्थान के नाम से प्रसिद्ध हुआ जिसका नाम वर्तमान में भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय है।संगीत कला पर इन्होंने कई पुस्तकें लिखीं जिसमें प्रमुख हैं, भातखंडे संगीत शास्त्र के चार भाग और क्रमिक पुस्तक, मालिका के छह भाग। इन भागों में हिन्दुस्तान के पुराने उस्तादों की घरानेदार चीज़ें स्वरलिपिबद्ध करके प्रकाशित की गई है। विष्णु नारायण भातखंडे जयंती के अवसर पर कोमल संगीत अकादमी में कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना द्वारा हुई। अकादमी की प्रधानाचार्य अनसुइया श्रीवास्तव द्वारा विष्णु नारायण भातखंडे जी का जीवन परिचय तथा उनके द्वारा किए गए कार्यों से अकादमी के छात्रों को अवगत कराया। अकादमी की छात्रा आराध्या अवस्थी ने राग भैरव, विनीत कुमार द्वारा राग पूरिया धनश्री, फैजान अहमद द्वारा राग बिलावल, मुकेश कुमार राग यमन, अविनाश द्वारा राग आसावरी, अपूर्वा श्रीवास्तव राग काफी बाद में सत्यवान द्वारा राग भैरवी पर आधारित कृष्ण भजन, नील माधव पटेल द्वारा भजन छोटी छोटी गईया छोटे छोटे ग्वाल, महक द्वारा ओ कान्हा अब तो मुरली की, पवन कुमार द्वारा शिव भजन कार्यक्रम के अंत में अकादमी के छात्र छात्रों को कोमल संगीत अकादमी के निर्देशक रतन सिंह द्वारा संगीत की विभिन्न जानकारियां दी गई तथा संगीत में रोजगार के अवसर प्राप्त करने के साधन बताए गए।


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